एगो चुम्मा...पर हुआ विवाद
ख़बर पटना से मिली है.चवन्नी के एक दोस्त हैं पटना में.फिल्मों और फिल्मों से संबंधित गतिविधियों पर पैनी नज़र रखते हैं.टिप्पणी करते हैं। उन्होंने ने बताया की पटना में पिछले दिनों एक भोजपुरी फ़िल्म के प्रचार के लिए मनोज तिवारी और रवि किशन पहुंचे.फ़िल्म का नाम है - एगो चुम्मा देले जइह हो करेजऊ।
भोजपुरी के इस मशहूर गीत को सभी लोक गायकों ने गाया है.अब इसी नाम से एक फ़िल्म बन गई है.उस फ़िल्म में मनोज तिवारी और रवि किशन दोनों भोजपुरी स्टार हैं.साथ में भाग्यश्री भी हैं.इस फ़िल्म के प्रचार के लिए आयोजित कार्यक्रम में मनोज ने मंच से कहा की इस फ़िल्म का नाम बदल देना चाहिए.भोजपुरी संस्कृति के हिसाब से यह नाम उचित नहीं है,लेकिन रवि भइया को इसमें कोई परेशानी नहीं दिखती.मनोज हों या रवि दोनों एक- दूसरे पर कटाक्ष करने का कोई मौका नहीं चूकते.सुना है कि बात बहुत बढ़ गई.मनोज ने अगला वार किया कि रवि भइया की असल समस्या मेरी मूंछ है.कहते रवि किशन ने मंच पर ही कहा कि तुम्हारा मूंछ्वे कबाड़ देंगे।
मनोज तिवारी और रवि किशन की नोंक-झोंक से आगे का मामला है यह.भोजपुरी फिल्मों में भरी मात्रा में अश्लीलता रहती है.भोजपुरी दर्शकों को रिझाने के नाम भोजपुरी फिल्मों के निर्माता-निर्देशक अश्लीलता परोसते रहे हैं.कहा जा रहा है कि भोजपुरी फिल्में इसी कारण स्तरहीन होती जा रही हैं.एक बड़ी सांस्कृतिक सम्भावना चंद रुपयों के लालच में मारी जा रही है.समय आ गाया है कि सभी चेत जाएं और भोजपुरी फिल्मों की भलाई के लिए सामूहिक तौर पर फूहड़ता और अश्लीलता से परहेज करें।
मनोज को पहल करनी चाहिए और रवि किशन को उनका समर्थन करना चाहिए.यहाँ बस एक ही सवाल है कि सदियों से प्रचलित एगो चुम्मा ...गीत आज अचानक कैसे इतना अश्लील हो गाया कि उस नाम से फ़िल्म नहीं बन सकती.कहीं मनोज बाबु का कोई सगूफा तो नहीं था यह...हो सकता है फ़िल्म को गर्म करने के लिए उन्होंने यह बात कही हो.
भोजपुरी के इस मशहूर गीत को सभी लोक गायकों ने गाया है.अब इसी नाम से एक फ़िल्म बन गई है.उस फ़िल्म में मनोज तिवारी और रवि किशन दोनों भोजपुरी स्टार हैं.साथ में भाग्यश्री भी हैं.इस फ़िल्म के प्रचार के लिए आयोजित कार्यक्रम में मनोज ने मंच से कहा की इस फ़िल्म का नाम बदल देना चाहिए.भोजपुरी संस्कृति के हिसाब से यह नाम उचित नहीं है,लेकिन रवि भइया को इसमें कोई परेशानी नहीं दिखती.मनोज हों या रवि दोनों एक- दूसरे पर कटाक्ष करने का कोई मौका नहीं चूकते.सुना है कि बात बहुत बढ़ गई.मनोज ने अगला वार किया कि रवि भइया की असल समस्या मेरी मूंछ है.कहते रवि किशन ने मंच पर ही कहा कि तुम्हारा मूंछ्वे कबाड़ देंगे।
मनोज तिवारी और रवि किशन की नोंक-झोंक से आगे का मामला है यह.भोजपुरी फिल्मों में भरी मात्रा में अश्लीलता रहती है.भोजपुरी दर्शकों को रिझाने के नाम भोजपुरी फिल्मों के निर्माता-निर्देशक अश्लीलता परोसते रहे हैं.कहा जा रहा है कि भोजपुरी फिल्में इसी कारण स्तरहीन होती जा रही हैं.एक बड़ी सांस्कृतिक सम्भावना चंद रुपयों के लालच में मारी जा रही है.समय आ गाया है कि सभी चेत जाएं और भोजपुरी फिल्मों की भलाई के लिए सामूहिक तौर पर फूहड़ता और अश्लीलता से परहेज करें।
मनोज को पहल करनी चाहिए और रवि किशन को उनका समर्थन करना चाहिए.यहाँ बस एक ही सवाल है कि सदियों से प्रचलित एगो चुम्मा ...गीत आज अचानक कैसे इतना अश्लील हो गाया कि उस नाम से फ़िल्म नहीं बन सकती.कहीं मनोज बाबु का कोई सगूफा तो नहीं था यह...हो सकता है फ़िल्म को गर्म करने के लिए उन्होंने यह बात कही हो.
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