ब्लॉग पर चल रही भौं-भौं
चवन्नी तो सोच रहा था की यह हिन्दी ब्लॉगर आपस में भौं-भौं करते रहते है.टिप्पणियों के माध्यम से एक-दूसरे को काटते और चाटते रहते हैं.चवन्नी को कोफ्त होती रही है ऐसी भौं-भौं से.उसे लगता था की हिंदीवाले बीमारू प्रदेश के हैं.हमेशा खौफ में जीते हैं और किसी की तरक्की उन्हें रास नहीं आती.पिछले दिनों हिन्दी ब्लॉग की दुनिया में जो शब्दों के बाण चले उनसे आप सभी वाकिफ हैं।
इधर आप ने गौर किया होगा की कुछ फिल्मी हस्तियाँ ब्लॉग लिख रही है.अमिताभ बच्चन तो इतने नियमित हैं कि आलोक पुराणिक के प्रतियोगी हो गए हैं.आप रोजाना कुच्छ न कुछ उनके ब्लॉग पर पा सकते हैं.उन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा से लेकर शाहरुख़ खान तक से भौं-भौं की.चलते-चलते कुछ पत्रकारों पर भी छींटाकशी करने से वे बाज नहीं आते.अगर १०-१२ साल पहले भी आप ने कुछ उनके ख़िलाफ़ लिख दिया हो या बोल दिया हो तो हो सकता है कि वे अपने ब्लॉग में पलटवार करें.ब्लॉग का maadhyam उन्हें मिल गया है और इसे वे हथियार की तरह इअतेमाल कर रहे हैं।
दूसरे हैं आमिर खान.उनहोंने लगान का डीवीडी रिलीज करने के बाद अपने प्रशंसकों से बात करने के लिए यह ब्लॉग आरंभ किया था.कुछ अच्छी जानकारियां भी दी थीं.बाद में इसे उन्होंने अपने वेबसाइट में बदल दिया और अब ब्लॉग लिखने के साथ कभी-कभी चैट भी करते हैं.अभी दो दिन पहले उन्होंने लिखा कि वे पंचगनी में हैं.अपनी माँ और बच्चों के बोर्ड गेम खेल रहे हैं .शाहरुख़ उनका पाँव चैट रहा है और वे उसे बिस्किट खिला रहे हैं.इसके बाद वे बताते हैं कि आप कोई निष्कर्ष न निकालें शाहरुख़ मेरे कुत्ते का नाम है.वे आगे लिखते हैं कि वास्तव में उनके पंचगनी के बंगले की देखभाल करनेवाले व्यक्ति के कुत्ते का नाम शाहरुख़ है.उनकी इस पोस्ट के बाद उन्हें सैकड़ों घृणा पत्र मिले हैं.ये सारे पत्र ब्लॉग पर हैं.लेकिन आमिर को इस मस्ती की क्यों सूझी? इसके पीछे क्या आशय या उद्देश्य हो सकता है?
चवन्नी तो ब्लॉग की इस भौं-भौं से सहमा हुआ है.उसे डर लगता है इन स्टारों के ब्लॉग की गली में जाने से.न जाने कौन कब झौंआ पड़े?
इधर आप ने गौर किया होगा की कुछ फिल्मी हस्तियाँ ब्लॉग लिख रही है.अमिताभ बच्चन तो इतने नियमित हैं कि आलोक पुराणिक के प्रतियोगी हो गए हैं.आप रोजाना कुच्छ न कुछ उनके ब्लॉग पर पा सकते हैं.उन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा से लेकर शाहरुख़ खान तक से भौं-भौं की.चलते-चलते कुछ पत्रकारों पर भी छींटाकशी करने से वे बाज नहीं आते.अगर १०-१२ साल पहले भी आप ने कुछ उनके ख़िलाफ़ लिख दिया हो या बोल दिया हो तो हो सकता है कि वे अपने ब्लॉग में पलटवार करें.ब्लॉग का maadhyam उन्हें मिल गया है और इसे वे हथियार की तरह इअतेमाल कर रहे हैं।
दूसरे हैं आमिर खान.उनहोंने लगान का डीवीडी रिलीज करने के बाद अपने प्रशंसकों से बात करने के लिए यह ब्लॉग आरंभ किया था.कुछ अच्छी जानकारियां भी दी थीं.बाद में इसे उन्होंने अपने वेबसाइट में बदल दिया और अब ब्लॉग लिखने के साथ कभी-कभी चैट भी करते हैं.अभी दो दिन पहले उन्होंने लिखा कि वे पंचगनी में हैं.अपनी माँ और बच्चों के बोर्ड गेम खेल रहे हैं .शाहरुख़ उनका पाँव चैट रहा है और वे उसे बिस्किट खिला रहे हैं.इसके बाद वे बताते हैं कि आप कोई निष्कर्ष न निकालें शाहरुख़ मेरे कुत्ते का नाम है.वे आगे लिखते हैं कि वास्तव में उनके पंचगनी के बंगले की देखभाल करनेवाले व्यक्ति के कुत्ते का नाम शाहरुख़ है.उनकी इस पोस्ट के बाद उन्हें सैकड़ों घृणा पत्र मिले हैं.ये सारे पत्र ब्लॉग पर हैं.लेकिन आमिर को इस मस्ती की क्यों सूझी? इसके पीछे क्या आशय या उद्देश्य हो सकता है?
चवन्नी तो ब्लॉग की इस भौं-भौं से सहमा हुआ है.उसे डर लगता है इन स्टारों के ब्लॉग की गली में जाने से.न जाने कौन कब झौंआ पड़े?
Comments
ब्लॉग नाम की ओखली में सिर दिया है तो फिर किस बात का डर?
पर, ये भी कि यदि कोई अजय जैसा स्टार इस तरह की आमीरी बेतुकी बात लिखता तो अब तक दंगा फसाद भी हो चुका होता.
शायद आपका डर वाजिब है.
aapka maanna hai ki stars ki ek responsibility hai apne fans ke prati aur samaj ke prati.
isliye star ko aam aadmi ke muqable apne public behaviour ko carefully present karna hoga kyonki kayi log unhe follow karte hein
aap stars ke 'unbecoming' behaviour ke against hein...!
Regards
Swapnil