अनामिका: सस्पेंस फिल्म और इतनी स्लो!

अनंत नारायण महादेवन की सस्पेंस फिल्म अनामिका की गति इतनी धीमी है कि दर्शकों की कल्पना को बार-बार ठेस लगती है। कहानी ऐसी अटकती और उलझती है कि रहस्य के प्रति जिज्ञासा खत्म होने लगती है। सस्पेंस फिल्मों के लिए आवश्यक है कि उनमें गति और संगीत का अच्छा संगम हो।
विक्रम आदित्य सिंह सिसोदिया गजनेर पैलेस के कुंवर हैं। वह अपने पैलेस को रिजार्ट में तब्दील करना चाहते हैं। मुंबई में उनकी मुलाकात एस्कार्ट जिया राव से होती है। पहली ही मुलाकात में उन्हें जिया का स्वभाव जंचता है और वह शादी का प्रस्ताव रख देते हैं। जिया राजी हो जाती है। वह गजनेर पैलेस में आ जाती है।
मध्यवर्गीय परिवार की जिया पैलेस की चकाचौंध और रीति-गतिविधि से नावाकिफ है। वहां वह विक्रम आदित्य की पूर्व पत्नी अनामिका के नाम से इस कदर आतंकित होती है कि उसके बारे में सब कुछ जानने को उत्सुक होती है। अनामिका की मौत रहस्यमय स्थितियों में हुई है।
पैलेस में ही मोहिनी रहती हैं। वह पैलेस की सभी गतिविधियों पर नजर रखती हैं और उनकी बात विक्रम आदित्य भी नहीं टाल पाते। लंबे समय तक एक ही जगह पर चकरघिन्नी काटने के बाद कहानी रहस्य तक पहुंचती है तो फटाक से फिल्म का अंत हो जाता है। चूंकि अनामिका सस्पेंस फिल्म है, इसलिए रहस्य बताना उचित नहीं होगा।
फिल्म के प्रमुख किरदारों की भूमिका में साधारण कलाकार लिए गए हैं। डिनो मोरिया की दाढ़ी बढ़ा कर उन्हें राजस्थानी कुंवर बनाने की कोशिश में अनंत असफल रहे, क्योंकि डिनो माडल वाली चाल भूल ही नहीं पाते। भावपूर्ण दृश्यों में उनके चेहरे पर आया सपाट भाव निराश करता है। मिनिषा लांबा के उच्चारण में विदेशी लहजे का पुट क्यों डाला गया है, पता नहीं। इस वजह से उनका अभिनय अस्वाभाविक लगता है। कोएना मित्रा अपनी छोटी सी भूमिका को सही ढंग से निभा ले जाती हैं।
अनामिका का सस्पेंस ठहरा हुआ है। कमजोर पटकथा और ढीले संपादन से घटनाएं और दृश्य अनावश्यक रूप से पसरे हुए लगते हैं। अनामिका के संगीत से जाहिर होता है कि अनु मलिक अब पुराने पड़ चुके हैं। उनके संगीत निर्देशन में प्रयुक्त साज और आवाज में आज की थिरकन नहीं है।

Comments

looks like its the story of "rebecca".
The famous english movie.

15 saal pahale Malvika Tiwari ko lekar ek TV serial bhi ban chukaa hai.

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