काश!अमिताभ बच्चन हिन्दी में लिखते

-अजय ब्रह्मात्मज

हिंदी फिल्मों के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन का ब्लॉग अंग्रेजी में चल रहा है और वे नियमित रूप से लिख भी रहे हैं। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक ब्लॉग आरंभ हुए हफ्ता भर भी नहीं हुआ है, लेकिन ब्लॉग आरंभ करने के पीछे अमिताभ की मंशा और चिंताओं की झलक मिल रही है। हिंदी फिल्मों के स्टारों में पहला ऐक्टिव ब्लॉग आमिर खान ने आरंभ किया। प्रेस और मीडिया से निश्चित दूरी बना कर रखने वाले आमिर को इस ब्लॉग के जरिए दुनिया भर के अपने प्रशंसकों से सीधे जुड़ने का मौका मिला। हालांकि इधर वे थोड़े सुस्त पड़ गए हैं। हो सकता है कि व्यस्त हों और ब्लॉग के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हों। जॉन अब्राहम, बिपाशा बसु, अजय देवगन, मनोज बाजपेयी, कबीर बेदी, शेखर कपूर आदि के ब्लॉग और साइट समय-समय पर अपडेट होते रहते हैं। अभी तक किसी फिल्म स्टार का ऐसा ब्लॉग नहीं है, जहां सभी प्रशंसकों की जिज्ञासा शांत हो रही हो। अमूमन स्टार अपनी बात रख देते हैं और ब्लॉगर उस पर प्रतिक्रियाएं और टिप्पणियां भेजते रहते हैं। कभी-कभार कुछ जिज्ञासुओं के नाम लेकर सामान्य प्रश्नों के जवाब स्टार्स द्वारा भी दे दिए जाते हैं।
फिल्मस्टार्स को अपने ब्लॉग और साइट से यह सीधी जानकारी मिल जाती है कि उनके पाठक, प्रशंसक और दर्शक उनके बारे में क्या सोचते हैं? स्टार्स को अपनी सार्वजनिक छवि और धारणाओं के बारे में भी पता चलता है। उन्हें अपनी आगामी फिल्मों के प्रति दर्शकों के उत्साह का अनुमान भी लग जाता है। अगर फिल्म स्टार्स के ब्लॉग और साइट पर आई टिप्पणियों का अध्ययन करें, तो उनमें सिर्फ प्रशंसा या स्टार सम्मोहन ही नहीं रहता। कुछ ईमानदार, मौलिक और डिस्टर्ब करने वाले सवाल भी होते हैं। अगर फिल्मस्टार ऐसे सवालों से रूबरू हों, तो उनके मनोभाव को समझने में दुनिया को मदद मिलेगी।
बिग बी यानी अमिताभ बच्चन के ब्लॉग की बात करें, तो उन्होंने अपनी भावनाओं और अनुभूतियों के साथ रंज भी प्रकट किया है। यह रंज विशेष कर मीडिया से है। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को उन्होंने सीधे निशाने पर नहीं रखा है, लेकिन उन्होंने अपनी शिकायत अवश्य दर्ज की है। उन्होंने स्पष्ट लिखा है कि उनकी सारी बातें पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से पाठकों के सामने नहीं आ पातीं। उन्होंने मूल इंटरव्यू भी पोस्ट किए हैं और उन्हें प्रकाशित इंटरव्यू से मिला कर पढ़ने को कहा है। आउटलुक पत्रिका में अपने बारे में छपी रिपोर्ट के जवाब में उन्होंने उसमें शामिल टिप्पणीकारों को पत्र लिखे थे। उन्हें पहली बार ब्लॉग पर सार्वजनिक किया है। इन पत्रों में उनकी नाराजगी साफ दिखती है। ऐसा लगता है कि बिग बी इस ब्लॉग के जरिए मीडिया को कठघरे में लाना चाहते हैं।
उनकी इस शिकायत और रंज को समझना जरूरी है। ब्लॉग के जरिए यह संभव हो सका। बिग बी के ब्लॉग पर उनके विचार भी पढ़ने-समझने को मिल रहे हैं। अनिल धारकर की पुस्तक आइकॉन के विमोचन समारोह में दिए गए उनके भाषण को पढ़ें, तो उनके मत और विचार से लोग परिचित हो सकते हैं। अमिताभ बच्चन के इस नए प्रयास और कारगर माध्यम के सदुपयोग का स्वागत होना चाहिए।
हां, एक शिकायत जरूर है। बिग बी को मालूम होगा कि ब्लॉग हिंदी में भी लिखे जा रहे हैं। इस अंग्रेजी ब्लॉग को उनके अधिकांश पाठक, प्रशंसक और दर्शक नहीं पढ़ सकते। क्या संभव नहीं है कि हिंदी भाषा के कवि हरिवंश राय बच्चन केसुपुत्र और हिंदी फिल्मों के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन इस ब्लॉग का हिंदी संस्करण भी आरंभ करें। उनके साथ तो हिंदी में संप्रेषण की समस्या भी नहीं है। वे अपनी बात समान प्रभाव के साथ हिंदी में लिख सकते हैं। हम प्रतीक्षारत हैं..।

Comments

Anonymous said…
लिख सकते हैं
लेकिन लिखेंगे नहीं.
कितना चाहे उकसा लो
उकसेंगे नहीं.
हिन्‍दी का करने हित
शुभचिंतक बनेंगे यही.
बढ़िया पोस्ट, शानदार बेनामी टिप्पणी।
अच्छा लिखा है आपने। यह विडम्बना है कि अमिताभ बच्चन हिंदी के बल पर महानायक बने लेकिन लिखेंगे नहीं हिंदी में।

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