शाहरुख़ की हिन्दी पर वाह कहें!!!!


शाह शाहरुख़ खान का प्यार का नाम है.उनके करीबी उन्हें इसी नाम से पुकारते है.चवन्नी ने सोचा कि नाम लेकर ही शाहरुख़ के करीब होने का भ्रम पाल लिया जाए.मजाक एक तरफ़...इस पोस्ट में चवन्नी शाहरुख़ की हिन्दी से आपको परिचित कराएगा.चवन्नी को अच्छी तरह मालूम है कि शाहरुख़ को हिन्दी आती है.कम से कम वे हिन्दी बोल और समझ सकते हैं.आज के अभिनेता-अभिनेत्री तो हिन्दी बोलने की बात आने पर ही कसमसाने लगते हैं.शाहरुख़ को पांचवी पास इतनी हिन्दी अवश्य आती है.चवन्नी हिन्दी लिखने और पदने के सन्दर्भ में यह बात कर रहा है.चूंकि वे दिल्ली में रहे हैं और परिवार में दिल्ली की भाषा ही बोली जाती थी,इसलिए वे समझ भी सकते हैं.चवन्नी को आश्चर्य होता है कि हिन्दी के नाम पर नाक-भौं सिकोरने वाले शाह को हिन्दी लिखने की क्या जरूरत पड़ गई है.यह मनोरंजन की माया है,जहाँ राजनीति की तरह हिन्दी ही चलती है.पिछले दिनों शाहरुख़ खान ने हिन्दी में एक संदेश लिखा.बड़ा भारी जलसा था....वहाँ शाहरुख़ खान ने यह संदेश स्वयं लिखा.अब आप ऊपर की तस्वीर को ठीक से देखें.आप पायेंगे कि शाह को पढ़ते रहिये के ढ के नीचे बिंदी लगाने की जरूरत नहीं महसूस हुई.उन्हें कोई बताने वाला भी नहीं था कि वे पढ़ते को ग़लत तरीके से लिख रहे है.शाह की इस हिन्दी पर हम वाह ही कर सकते हैं.यह क्या कम एहसान है कि देश का इतना बड़ा स्टार यानि किंग खान हिन्दी लिख रहा है?आप चाहें तो इसी पर गुमान कर लें या फिर दुःख हो रहा हो तो उन्हें पत्र लिखें.अपनी शिकायत दर्ज करे.

Comments

PD said…
अजी हम तो उनके ब्लौग शुरू होने का इंतजार करेंगे और वहीं टिपिया कर अपना विरोध प्रकट करेंगे.. :D
Ankit Mathur said…
अजय जी मेरे खयाल से शायद उन्होने नीचे वाली
बिन्दी काफ़ी गाढी़ कर के लगाई है इसी लिये अलग
से ही दिखाई दे रही है, अन्यथा बिन्दी तो उन्होने शायद उपर भी लगाई है, जो कि लकीर होने के कारण सही से दिखाई नही दे रही शायद।
यदि वे चूक गये हैं तो हम कह सकते हैं कि
कम से कम शाहरुख तो पांचवी पास से तेज़ नही।
धन्यवाद
अंकित माथुर
Anonymous said…
बिन्दी तो जनाब ऊपर वाले 'ढ़' में भी लगाई है उन्होंने, आप नज़रअंदाज़ कर गए गलती से!! ;) वैसे इसमें तंज कसने वाली बात कहाँ से आई गई यह मुझे समझ नहीं आ रहा।

मजाक एक तरफ़...इस पोस्ट में चवन्नी शाहरुख़ की हिन्दी से आपको परिचित कराएगा

कदाचित्‌ आपको ध्यान नहीं रहा लेकिन 'मजाक' नहीं होता वरन्‌ 'मज़ाक' होता है, यानि कि 'ज' के नीचे नुक्ता लगता है।

आप चाहें तो इसी पर गुमान कर लें या फिर दुःख हो रहा हो तो उन्हें पत्र लिखें.अपनी शिकायत दर्ज करे

आप बहुवचन को संबोधित कर रहे हैं तो 'करे' नहीं वरन्‌ 'करें' होगा।

दो त्रुटियाँ तो आपके लिखे में यूँ ही सामने दिखाई दे गईं बिना परिश्रम के। तीसरी ये मान लें कि हिन्दी में वाक्य की समाप्ति पर पूर्णविराम यानि कि '।' प्रयोग होता है न कि बिन्दु, कम से कम स्कूल में अध्यापिकाओं ने तो यही पढ़ाया था और हिन्दी की पुस्तकों में भी यही पढ़ा था।

मैं आपकी गलतियाँ नहीं गिनाना चाहता वरन्‌ केवल इतना ही कहना चाहता हूँ कि जाने-अनजाने ऐसी गलतियाँ किसी से भी हो सकती हैं, आपसे भी, मुझसे भी और शाहरुख से भी। उपर अपने लेख में भी आपने जानबूझकर ये गलतियाँ नहीं की होंगी और अनजाने में ही हुई होंगी ऐसा मेरा मानना है। और कम से कम मैंने तो कहीं पढ़ा/सुना नहीं कि शाहरुख ने दावा किया हो कि वे हिन्दी के विद्वान हैं!!

बाकी आप हिन्दी अच्छी लिखते हैं, पढ़कर प्रसन्नता हुई। ऐसे ही लिखते रहिए। :)
Swapnil said…
Ajay ji, ye kuchh jyaada hota lag raha hai. Mere khayal se unhone bindu lagaya hai, aur hindi likhne mein galtiyan to koi bhi kar sakta hai...

Actually, blog par kya kahna chah rahe hein aap, wo clear nahi hai.

Swapnil
Vishesh Agrawal said…
Jaise upar ke mahanubhav ne vyakt kiya hain....toh doharana munasib na hoga...

kripya aapki abhivyakti ka paryaay kya hain vistaar mein batayein

dhanyavaad

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