बारबरा मोरी:पहला परिचय
राकेश रोशन की कंपनी फिल्मक्राफ्ट 'काइट्स' नाम की फ़िल्म बना रही है.इस फ़िल्म के निर्देशक अनुराग बासु हैं.अनुराग बासु की 'गैंगग्स्टर' और 'मेट्रो' मशहूर फिल्में रही हैं.अनुराग बासु ने सीरियल निर्देशन से शुरूआत की थी.उन्हें फ़िल्म निर्देशन का पहला मौका महेश भट्ट ने दिया.फ़िल्म थी 'साया' ,जो बुरी तरह फ्लॉप हुई थी.लेकिन महेश भट्ट ने हिम्मत नहीं हरी.दोनों ने एक और फ्लॉप फ़िल्म बनाई.उस फ़िल्म की समाप्ति के समय अनुराग बासु को ब्लड कैंसर हो गया था.पत्नी की सेवा और अपने आत्मबल से वह इस जानलेवा बीमारी की गिरफ्त से बाहर आया.भट्ट कैंप से बहर आकर उनहोंने 'मेट्रो' बनाई.यह फ़िल्म खूब पसंद की गई.उसके बाद ही राकेश रोशन ने उन्हें अपनी कंपनी की फ़िल्म बनने के लिए निमंत्रित किया।
यह तो तय था कि फ़िल्म के हीरो रितिक रोशन होंगे,लेकिन फ़िल्म की कहानी के लायक हीरोइन नहीं मिल पा रही थी.अनुराग ने राकेश रोशन से कहा कि क्यों न हॉलीवुडकी हीरोइनों में से चुना जाए.राकेश रोशन ने अनुराग को खुली छूट दी.कई सारी हीरोइनों से मिलने के बाद आखिरकार अनुराग बासु ने बारबरा मोरी को पसंद किया।
बारबरा मोरी के पिता का खानदान जापान का है.उनकी माँ मेक्सिको की हैं.जब मोरी ३ साल की थीं,तभी उनके माता-पिता का तलाक हो गया.मोरी मेक्सिको आ गयीं.थोडी बड़ी होने पर उनहोंने एक रेस्तरां में वेटर का काम पकड़ लिया.वहीं उनकी मुलाक़ात फैशन डिजाइनर मार्कोस तोलेदो से हुई.मार्कोस ने उन्हें मॉडल बना दिया.कुछ समय तक मॉडलिंग करने के बाद मोरी को लगा कि इसमें लंबा भविष्य नहीं है.उन्होंने समय रहते एक्टिंग की ट्रेनिंग ली और अपना करीअर बदला.मोरी को पहला काम टेलीनोवेल में मिला.ओग १९९८ में बनी 'अजुल तेकुइला' से मशहूर हुईं.२००५ में आई 'मुजेर दे मी हेर्मानो , ला' से वह दुनिया भर में मशहूर हो गयीं।
और अब रितिक रोशन के साथ काम करने के बाद उनकी ख्याति में इजाफा ही होगा.खासकर दक्षिण एशिया के दर्शक उनसे परिचित हो जायेंगे.हिन्दी सिनेमा के इस पह्ल्लो और विस्तार का हमें स्वागत करना चाहिए.
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