बॉक्स ऑफिस १९.०३.०८

ऐसा लग ही रहा था कि 26 जुलाई ऐट बरिस्ता बाक्स आफिस पर डूब जाएगी। वही हुआ भी। इस फिल्म के हश्र पर किसी को आश्चर्य नहीं हुआ। फिल्म पूरे भारत में रिलीज भी नहीं हो सकी थी। फिल्म ट्रेड के एक विशेषज्ञ की राय में निर्देशक मोहन शर्मा ने विषय तो महत्व का चुना था, लेकिन उसके साथ वह न्याय नहीं कर सके। उन्होंने एक संभावना भी खत्म कर दी। उनकी राय में किसी अच्छे विषय पर बुरी फिल्म बन जाए तो निर्माता उस विषय को फिर से छूने में कतराते हैं। ब्लैक एंड ह्वाइट के बारे में सुभाष घई जो भी पोस्टर छपवा और महानगरों की दीवारों पर सटवा रहे हों, सच तो यही है कि बाक्स आफिस पर फिल्म विफल रही। समीक्षकों ने अवश्य तारीफ की, मगर उनकी तारीफों का दर्शकों पर कोई असर नहीं हुआ। वैसे ब्लैक एंड ह्वाइट दिल्ली और महाराष्ट्र में टैक्स फ्री हो चुकी है। उम्मीद है कि दर्शक बढ़ेंगे और फिल्मकारों का नुकसान कम होगा। बाक्स आफिस पर कोई भी प्रतियोगिता नहीं होने से जोधा अकबर के दर्शक ज्यादा नहीं घटे हैं। यह फिल्म सप्ताहांत में दर्शक खींच रही है। इस हफ्ते अब्बास मस्तान की थ्रिलर रेस आ रही है।

Comments

Popular posts from this blog

तो शुरू करें

फिल्म समीक्षा: 3 इडियट

सिनेमालोक : साहित्य से परहेज है हिंदी फिल्मों को