हिंदी सिनेमा में हॉलीवुड का इन्टरेस्ट
-अजय ब्रह्मात्मज
हिंदी फिल्मों के ट्रेड पंडित भले ही संजय लीला भंसाली की फिल्म सांवरिया को फ्लॉप घोषित कर चुके हों, लेकिन मुंबई में सक्रिय सोनी पिक्चर्स के अधिकारी इस फिल्म से संतुष्ट हैं और इसीलिए वे आगे भी हिंदी फिल्म के निर्माण के बारे में सोच रहे हैं। सिर्फ सोनी पिक्चर्स ही नहीं, बल्कि हाल-फिलहाल में हॉलीवुड की अनेक प्रोडक्शन कंपनियों ने मुंबई में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है और इसीलिए वायाकॉम, डिज्नी, वार्नर ब्रदर्स, सोनी बीएमजी और ट्वेंटीएथ सेंचुरी फॉक्स के अधिकारी हिंदी फिल्मों के निर्माताओं के साथ संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं। कहते हैं, इस बार वे निश्चित इरादों और रणनीति के साथ हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की गलियों में घूम रहे हैं।
पिछले दिनों इंटरनेशनल पहचान की अभिनेत्री के इंटरव्यू के लिए प्रतीक्षा करते समय उनसे मिलने आए डिज्नी के अधिकारियों से मुलाकात हो गई। सारे अधिकारी अमेरिका से आए थे। उनके इरादों का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि उनके विजिटिंग कार्ड में एक तरफ सारी जानकारियां हिंदी में छपी थीं। इन दिनों हिंदी फिल्मों के निर्माता-निर्देशकों के विजिटिंग कार्ड में हिंदी का अ भी नहीं होता। यह तथ्य इसलिए उल्लेखनीय है, क्योंकि हर बार की तरह इस बार वे भारतीय भावनाओं को समझते हुए प्रवेश कर रहे हैं। उन्होंने उक्त अभिनेत्री के साथ एक बड़ी हिंदी फिल्म की बात की। डिज्नी ने यश चोपड़ा के साथ एनिमेशन फिल्म रोडसाइड रोमियो पूरी कर ली है। जुगल हंसराज निर्देशित इस एनिमेशन फिल्म में पॉपुलर स्टार सैफ अली खान और करीना कपूर ने आवाजें दी हैं।
उल्लेखनीय है कि वार्नर ब्रदर्स ने कुछ वर्ष पहले फिल्म वितरण के साथ हिंदी फिल्मों में कदम रखा था, लेकिन भारतीय दर्शक और फिल्म बाजार की सही समझ नहीं होने के कारण वे चूक गए। इसीलिए इस बार वे संभल कर आ रहे हैं। उन्होंने निखिल आडवाणी से उनकी फिल्म चांदनी चौक टू चाइना के लिए हाथ मिलाया है। हाल ही में सोनी बीएमजी ने विशेष फिल्म्स के साथ डील की है। सोनी बीएमजी के अधिकारी कुछ और प्रोडक्शन कंपनियों से भी बातें कर रहे हैं। इधर कुछ निर्देशकों ने बताया कि ट्वेंटीएथ सेंचुरी फॉक्स ने भारत में फिल्म निर्माण का फैसला कर लिया है। रुपर्ट मर्डोक की इस कंपनी ने स्टार टीवी के अधिकारियों को यह जिम्मेदारी सौंपी है। सूचनाओं के मुताबिक इस साल के अंत तक उनकी फिल्मों की घोषणा हो जाएगी। यूटीवी पहले से ही ट्वेंटीएथ सेंचुरी फॉक्स के साथ एम नाइट श्यामलन की फिल्म द हैपनिंग प्रोड्यूस कर रही है।
अभी चल रही इन गतिविधियों के नतीजे 2008 के अंत या 2009 के आरंभ में दिखने शुरू हो जाएंगे। माना जा रहा है कि हिंदी फिल्मों के प्रसार, प्रभाव और उनकी ताजा स्वीकृति को देखते हुए हॉलीवुड की बड़ी कंपनियों ने मुंबई का रुख किया है। हिंदी फिल्में अब यूके और यूएसए के पारंपरिक बाजारों से निकल रही हैं। जर्मनी और फ्रांस में दर्शकों को दीवाना बनाने के बाद नए देशों में भी उन्होंने आकर्षक दस्तक दी है। पिछले दिनों आशुतोष गोवारीकर की जोधा अकबर के प्रदर्शन ने 28 देशों में हिंदी फिल्मों के नए दर्शक तैयार किए। जाहिर-सी बात है कि हॉलीवुड की प्रोडक्शन कंपनियों और स्टूडियो की नजर इस बाजार पर है। संभव है कि नई रणनीति के तहत वे भारतीय कलाकार और तकनीशियनों को अपने यहां के प्रोडक्शन में शामिल करें।
अच्छी बात है कि हिंदी फिल्मों के निर्माता-निर्देशक इस बार डरे हुए नहीं हैं। उन्हें यह नहीं लग रहा है कि हॉलीवुड के निर्माता अपनी गहरी जेबों और धैर्यपूर्ण सुनिश्चित मार्केटिंग से उनके बाजार और दर्शकों पर कब्जा कर लेंगे। एक अच्छी बात यह है कि ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में हिंदी फिल्मों के निर्माता-निर्देशक हॉलीवुड के साथ संयुक्त निर्माण की संभावनाओं के लिए तैयार हैं और उनसे हाथ मिला रहे हैं।
पिछले दिनों इंटरनेशनल पहचान की अभिनेत्री के इंटरव्यू के लिए प्रतीक्षा करते समय उनसे मिलने आए डिज्नी के अधिकारियों से मुलाकात हो गई। सारे अधिकारी अमेरिका से आए थे। उनके इरादों का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि उनके विजिटिंग कार्ड में एक तरफ सारी जानकारियां हिंदी में छपी थीं। इन दिनों हिंदी फिल्मों के निर्माता-निर्देशकों के विजिटिंग कार्ड में हिंदी का अ भी नहीं होता। यह तथ्य इसलिए उल्लेखनीय है, क्योंकि हर बार की तरह इस बार वे भारतीय भावनाओं को समझते हुए प्रवेश कर रहे हैं। उन्होंने उक्त अभिनेत्री के साथ एक बड़ी हिंदी फिल्म की बात की। डिज्नी ने यश चोपड़ा के साथ एनिमेशन फिल्म रोडसाइड रोमियो पूरी कर ली है। जुगल हंसराज निर्देशित इस एनिमेशन फिल्म में पॉपुलर स्टार सैफ अली खान और करीना कपूर ने आवाजें दी हैं।
उल्लेखनीय है कि वार्नर ब्रदर्स ने कुछ वर्ष पहले फिल्म वितरण के साथ हिंदी फिल्मों में कदम रखा था, लेकिन भारतीय दर्शक और फिल्म बाजार की सही समझ नहीं होने के कारण वे चूक गए। इसीलिए इस बार वे संभल कर आ रहे हैं। उन्होंने निखिल आडवाणी से उनकी फिल्म चांदनी चौक टू चाइना के लिए हाथ मिलाया है। हाल ही में सोनी बीएमजी ने विशेष फिल्म्स के साथ डील की है। सोनी बीएमजी के अधिकारी कुछ और प्रोडक्शन कंपनियों से भी बातें कर रहे हैं। इधर कुछ निर्देशकों ने बताया कि ट्वेंटीएथ सेंचुरी फॉक्स ने भारत में फिल्म निर्माण का फैसला कर लिया है। रुपर्ट मर्डोक की इस कंपनी ने स्टार टीवी के अधिकारियों को यह जिम्मेदारी सौंपी है। सूचनाओं के मुताबिक इस साल के अंत तक उनकी फिल्मों की घोषणा हो जाएगी। यूटीवी पहले से ही ट्वेंटीएथ सेंचुरी फॉक्स के साथ एम नाइट श्यामलन की फिल्म द हैपनिंग प्रोड्यूस कर रही है।
अभी चल रही इन गतिविधियों के नतीजे 2008 के अंत या 2009 के आरंभ में दिखने शुरू हो जाएंगे। माना जा रहा है कि हिंदी फिल्मों के प्रसार, प्रभाव और उनकी ताजा स्वीकृति को देखते हुए हॉलीवुड की बड़ी कंपनियों ने मुंबई का रुख किया है। हिंदी फिल्में अब यूके और यूएसए के पारंपरिक बाजारों से निकल रही हैं। जर्मनी और फ्रांस में दर्शकों को दीवाना बनाने के बाद नए देशों में भी उन्होंने आकर्षक दस्तक दी है। पिछले दिनों आशुतोष गोवारीकर की जोधा अकबर के प्रदर्शन ने 28 देशों में हिंदी फिल्मों के नए दर्शक तैयार किए। जाहिर-सी बात है कि हॉलीवुड की प्रोडक्शन कंपनियों और स्टूडियो की नजर इस बाजार पर है। संभव है कि नई रणनीति के तहत वे भारतीय कलाकार और तकनीशियनों को अपने यहां के प्रोडक्शन में शामिल करें।
अच्छी बात है कि हिंदी फिल्मों के निर्माता-निर्देशक इस बार डरे हुए नहीं हैं। उन्हें यह नहीं लग रहा है कि हॉलीवुड के निर्माता अपनी गहरी जेबों और धैर्यपूर्ण सुनिश्चित मार्केटिंग से उनके बाजार और दर्शकों पर कब्जा कर लेंगे। एक अच्छी बात यह है कि ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में हिंदी फिल्मों के निर्माता-निर्देशक हॉलीवुड के साथ संयुक्त निर्माण की संभावनाओं के लिए तैयार हैं और उनसे हाथ मिला रहे हैं।
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