मैंने युवा अकबर का किरदार निभाया है: रितिक रोशन
-अजय ब्रह्मात्मज
रितिक रोशन को इंटरव्यू के लिए पकड़ पाना लगभग उतना ही मुश्किल काम है, जितनी दिक्कत उन्हें किसी फिल्म के लिए राजी करने में किसी निर्देशक को होती होगी।
आप अपनी फिल्मों के चुनाव के प्रति काफी सावधान रहते हैं। क्या वजह रही कि जोधा अकबर के लिए हाँ कहा? पीरियड, कॉस्टयूम और अकबर तीनों में से क्या आपको ज्यादा आकर्षित कर रहा था?
आप इस फिल्म को किस नजरिये से देखते है?
कृष से कितनी अलग रही जोधा अकबर?
क्या अकबर की भूमिका निभाते समय सचेत या अप्रत्यक्ष रूप से आप पृथ्वीराज कपूर से प्रभावित रहे?
अगर आप पता करें तो पाएंगे कि अकबर की वास्तविक आवाज और उनका कद पृथ्वीराज जी से बिल्कुल अलग था। अकबर उतने लंबे नहीं थे और उनकी आवाज पतली थी। पृथ्वीराज जी ने अपनी प्रतिभा से अकबर को जिस तरह से चित्रित किया, वही अकबर की छवि बन गयी। उस छवि को कमर्शियल स्वीकृति भी मिल गयी, क्योंकि मुगलेआजम सफल रही। मैंने जिस अकबर की भूमिका निभायी है, वह उम्र में छोटा है और अभी दुनिया को समझ रहा है। उसकी आंखों में खोज है। वह कभी विस्मित और चकित होता है तो कभी हैरान और परेशान भी होता है। आप कह सकते हैं कि दोनों में उम्र के फर्क से काफी अंतर आ गया है। मुगलेआजम के अकबर उम्रदराज, अनुभवी और महाबली थे, जबकि जोधा अकबर के अकबर अनिश्चित है और अभी राह खोज रहा है। आशुतोष भी नहीं चाहते थे कि मैं अकबर को कांफीडेंट और पावरफुल रूप में चित्रित करूं।
इस फिल्म के दौरान अकबर को जानने के बाद उनके व्यक्तित्व की किस खासियत से प्रभवित हुए और क्या अकबर की जिंदगी मिले तो आप उसे स्वीकार करेंगे? आपको मानना पड़ेगा कि आज कल के फिल्म स्टार किसी राजा की तरह ही होते हैं?
ऐश्वर्या राय का अप्रोच कैसा रहा?
निर्देशक आशुतोष गोवारिकर के बारे में आपकी क्या राय है?
आशुतोष की जितनी तारीफ की जाए कम है मैं हमेशा आशुतोष के साथ काम करना चाहूंगा। यह सही है कि जोधा अकबर की स्क्रिप्ट ने मुझे खासा प्रभावित किया है जो कि मेरे लिए किसी बोनस से कम नहीं है। उनके अंदर ऐसी क्षमता है जो किसी भी दृश्य को पर्दे पर साकार रूप में उतार देती है। उनमें मानवीय रिश्तों की संवेदनशीलता को समझने की गहरी पकड़ है। आशुतोष अक्सर शॉट के बीच में भी दखल देकर उसे नया रूप दे देते है। मैंने ऐसा महसूस किया कि शॉट पहले से भी अच्छा हो जाता है।
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