जब वी मेट: भारतीयता का रसीला टच
-अजय ब्रह्मात्मज
इम्तियाज अली की जब वी मेट शुद्ध मनोरंजक रोमांटिक कामेडी है। फिल्म पहले ही दृश्य से बांधती है। मुंबई से भटिंडा तक के सफर में यह फिल्म आपको हंसाती, गुदगुदाती और रिझाती हुई ले जाती है। शाहिद कपूर और करीना कपूर की रोमांटिक जोड़ी फिल्म का सबसे मजबूत और प्रभावशाली आधार है।
आदित्य (शाहिद) अपने कंधों पर अचानक आ गई जिम्मेदारी से घबराकर यूं ही निकल जाता है। उसका यह निष्क्रमण गौतम बुद्ध की तरह नहीं है। वस्तुत: वह अपनी जिम्मेदारियों से पलायन करता है। ट्रेन में उसकी मुलाकात गीत (करीना कपूर) से होती है। बक-बक करने में माहिर गीत के दिल से खुशी लगातार छलक-छलक पड़ती है। जिंदगी को अपने ढंग से जीने पर आमादा गीत अपनी मुश्किलों में आदित्य को ऐसा फंसाती है कि उसे भटिंडा तक जाना पड़ता है।
जब वी मेट एक स्तर पर दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे का भारतीय और अल्प बजट संस्करण है। मुंबई से मध्यप्रदेश, फिर राजस्थान और पंजाब होते हुए हिमाचल तक की यात्रा में हम विभिन्न प्रसंगों में ऐसे दृश्य देखते हैं, जो मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के फिल्मकारों के अनुभव और कल्पना के परे हैं। इम्तियाज अली के सटीक संवाद और दृश्य संयोजन से फिल्म दर्शकों को खुश रखती है। करीना कपूर ने बिंदास सिखणी की भूमिका में अपनी प्रतिभा का निर्बाध उपयोग किया है। इम्तियाज अली ने कुछ असरकारी एक्सप्रेशन कैद किए हैं बगैर मेकअप के दिए गए शाट्स में भी करीना अच्छी लगती हैं। शाहिद ने करीना का पूरा साथ दिया है। वह नाच-गाने और इमोशनल दृश्यों में स्क्रिप्ट की जरूरतें पूरी करते हैं। फिल्म का गीत-संगीत कहानी के प्रभाव को बढ़ाता है। छोटी भूमिकाओं में दारा सिंह और पवन मल्होत्रा भी याद रह जाते हैं।
इम्तियाज अली ने हिंदी फिल्मों के फार्मूले का नया समीकरण पेश किया है। इस फिल्म में भारतीयता का रसीला टच है, जो इन दिनों हिंदी फिल्मों से गायब होता जा रहा है। भारतवंशियों को लुभाने की कोशिश में हिंदी फिल्मों की कहानी का देसी आधार खत्म होता जा रहा है। जब वी मेट इस ट्रेंड के विपरीत जाती है और देसी स्थानों एवं संदर्भो से भरपूर मनोरंजन करती है।
मुख्य कलाकार : करीना कपूर, शाहिद कपूर, सौम्या टंडन, दारा सिंह, किरन जुनेजा
निर्देशक : इम्तियाज अली
तकनीकी टीम : पटकथा और संवाद- इम्तियाज अली, छायांकन-नटराज सुब्रमण्यन, संगीतकार- प्रीतम और संदेश शांडिल्य
इम्तियाज अली की जब वी मेट शुद्ध मनोरंजक रोमांटिक कामेडी है। फिल्म पहले ही दृश्य से बांधती है। मुंबई से भटिंडा तक के सफर में यह फिल्म आपको हंसाती, गुदगुदाती और रिझाती हुई ले जाती है। शाहिद कपूर और करीना कपूर की रोमांटिक जोड़ी फिल्म का सबसे मजबूत और प्रभावशाली आधार है।
आदित्य (शाहिद) अपने कंधों पर अचानक आ गई जिम्मेदारी से घबराकर यूं ही निकल जाता है। उसका यह निष्क्रमण गौतम बुद्ध की तरह नहीं है। वस्तुत: वह अपनी जिम्मेदारियों से पलायन करता है। ट्रेन में उसकी मुलाकात गीत (करीना कपूर) से होती है। बक-बक करने में माहिर गीत के दिल से खुशी लगातार छलक-छलक पड़ती है। जिंदगी को अपने ढंग से जीने पर आमादा गीत अपनी मुश्किलों में आदित्य को ऐसा फंसाती है कि उसे भटिंडा तक जाना पड़ता है।
जब वी मेट एक स्तर पर दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे का भारतीय और अल्प बजट संस्करण है। मुंबई से मध्यप्रदेश, फिर राजस्थान और पंजाब होते हुए हिमाचल तक की यात्रा में हम विभिन्न प्रसंगों में ऐसे दृश्य देखते हैं, जो मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के फिल्मकारों के अनुभव और कल्पना के परे हैं। इम्तियाज अली के सटीक संवाद और दृश्य संयोजन से फिल्म दर्शकों को खुश रखती है। करीना कपूर ने बिंदास सिखणी की भूमिका में अपनी प्रतिभा का निर्बाध उपयोग किया है। इम्तियाज अली ने कुछ असरकारी एक्सप्रेशन कैद किए हैं बगैर मेकअप के दिए गए शाट्स में भी करीना अच्छी लगती हैं। शाहिद ने करीना का पूरा साथ दिया है। वह नाच-गाने और इमोशनल दृश्यों में स्क्रिप्ट की जरूरतें पूरी करते हैं। फिल्म का गीत-संगीत कहानी के प्रभाव को बढ़ाता है। छोटी भूमिकाओं में दारा सिंह और पवन मल्होत्रा भी याद रह जाते हैं।
इम्तियाज अली ने हिंदी फिल्मों के फार्मूले का नया समीकरण पेश किया है। इस फिल्म में भारतीयता का रसीला टच है, जो इन दिनों हिंदी फिल्मों से गायब होता जा रहा है। भारतवंशियों को लुभाने की कोशिश में हिंदी फिल्मों की कहानी का देसी आधार खत्म होता जा रहा है। जब वी मेट इस ट्रेंड के विपरीत जाती है और देसी स्थानों एवं संदर्भो से भरपूर मनोरंजन करती है।
मुख्य कलाकार : करीना कपूर, शाहिद कपूर, सौम्या टंडन, दारा सिंह, किरन जुनेजा
निर्देशक : इम्तियाज अली
तकनीकी टीम : पटकथा और संवाद- इम्तियाज अली, छायांकन-नटराज सुब्रमण्यन, संगीतकार- प्रीतम और संदेश शांडिल्य
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