आमिर खान का ब्लॉग
आमिर खान ब्लॉग लिख रहे हैं.चवन्नी ने सोचा क्यों न उनकी बातों को हिंदी के चिट्ठाकारों और पाठकों तक पहुंचाया जाए.इसी दिशा में यह प्रयास है.इस बार थोड़ी देर हो गई है.बगली बार से उधार उन्होंने लिखा और इधर आप ने पढ़ा.
शर्म करो
रविवार,26 अगस्त,2007
आज का दिन बहुत ही उदास रहा.कल हैदराबाद में हुए बम ब्लास्ट के बारे में पढ़ा और घोर निराशा में डूब गया.दुख की बात है, और शर्म की बात है,कि लोग इतने बीमार दिमाग के हो सकते हैं.निर्दोष लोगों को मार कर भला किसी को क्या मिलेगा.मुझे लग रहा है कि इस ब्लास्ट के लिए जिम्मदर लोग दक्षिणपंथी,अतिवादी और धार्मिक समूह के होंगे...जैसा कि देश में हुए आतंक के अधिकांश हादसों में रहा है.चाहे जो भी हो,बीमार दिमाग के लोगों की ऐसी आतंकवादी गतिविधियों से निर्दोष बच्चे,औरतें और मर्द मारे जाते हैं.आप का कोई भी धर्म हो ,मैं जानना चाहता हूं कि किस धर्म में निर्दोषों की हत्या का पाठ पढाया जाता है? इतना ही नहीं ,किसी भी धर्म में निर्दोषों को नुकसान पहुचाने वालों को माफ नहीं किया जाता.जीव का अनादर मतलब ईश्वर का अनादर है.
शर्म करो!
शर्म करो
रविवार,26 अगस्त,2007
आज का दिन बहुत ही उदास रहा.कल हैदराबाद में हुए बम ब्लास्ट के बारे में पढ़ा और घोर निराशा में डूब गया.दुख की बात है, और शर्म की बात है,कि लोग इतने बीमार दिमाग के हो सकते हैं.निर्दोष लोगों को मार कर भला किसी को क्या मिलेगा.मुझे लग रहा है कि इस ब्लास्ट के लिए जिम्मदर लोग दक्षिणपंथी,अतिवादी और धार्मिक समूह के होंगे...जैसा कि देश में हुए आतंक के अधिकांश हादसों में रहा है.चाहे जो भी हो,बीमार दिमाग के लोगों की ऐसी आतंकवादी गतिविधियों से निर्दोष बच्चे,औरतें और मर्द मारे जाते हैं.आप का कोई भी धर्म हो ,मैं जानना चाहता हूं कि किस धर्म में निर्दोषों की हत्या का पाठ पढाया जाता है? इतना ही नहीं ,किसी भी धर्म में निर्दोषों को नुकसान पहुचाने वालों को माफ नहीं किया जाता.जीव का अनादर मतलब ईश्वर का अनादर है.
शर्म करो!
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