दीवाली के दिन टकराएगी सांवरिया से ओम शांति ओम
-अजय ब्रह्मात्मज
नवंबर महीने में 9 तारीख को दो बड़ी फिल्में आमने-सामने होंगी। दोनों ही फिल्मों के शुभचिंतकों की राय में इन फिल्मों को टकराना नहीं चाहिए था। इस टकराहट से दोनों का नुकसान होगा, लेकिन वहीं कुछ ट्रेड विशेषज्ञों की राय में दोनों ही फिल्मों को दर्शक मिलेंगे। इन दिनों दर्शक इतने संपन्न हो गए हैं कि फिल्में अच्छी हों, तो वे पैसे जेब से निकाल ही लेते हैं।
रिलीज डेट 9 नवंबर ही क्यों?
इस बार 9 नवंबर को दीवाली है और उस दिन शुक्रवार भी है। त्योहार के दिनों में फिल्में रिलीज हों, तो उन्हें ज्यादा दर्शक मिलते हैं। त्योहार की छुट्टियों में मौज-मस्ती और मनोरंजन के लिए सिनेमा से अधिक सुविधाजनक कोई माध्यम नहीं होता। बड़े शहरों में लोग सपरिवार फिल्में देखने जाते हैं। मल्टीप्लेक्स बनने के बाद तो सपरिवार फिल्म देखने की प्रवृत्ति महानगरों में और बढ़ी ही है। फिल्म वितरक, प्रदर्शक और आखिरकार निर्माताओं के लिए रिलीज के सप्ताहांत में दर्शकों की भीड़ मुनाफा ले आती है। संजय लीला भंसाली की सांवरिया की रिलीज की तारीख पहले से तय थी। फराह खान की ओम शांति ओम भी उसी दिन रिलीज करने की योजना बनी। बीच में ऐसी खबरें आई कि परस्पर सहमति से दोनों अपनी फिल्में आगे-पीछे कर लेंगे।
दोनों फिल्मों का इंतजार है दर्शकों को
यह तय कर पाना और अभी से बता पाना मुश्किल है कि सांवरिया और ओम शांति ओम में किसे अधिक दर्शक मिलेंगे! दोनों ही फिल्में हिट होंगी। अब देखना यह है कि कौन बड़ी हिट साबित होती है। दर्शकों को दोनों ही फिल्मों का इंतजार है। इस इंतजार के अलहदा कारण हैं। सांवरिया का सबसे बड़ा आकर्षण संजय लीला भंसाली हैं। अपनी फिल्मों से भंसाली ने फिल्म इंडस्ट्री और दर्शकों के दिल में ऐसी जगह बना ली है कि सभी को उनकी फिल्मों का इंतजार होने लगा है। ऐसी उम्मीद रहती है कि कुछ नया और अद्भुत देखने को मिलेगा उनकी फिल्म में। इसके अलावा, इस फिल्म में रणवीर कपूर और सोनम कपूर के प्रति दर्शकों की जिज्ञासा लगभग अभिषेक बच्चन और करीना कपूर की पहली फिल्म रिफ्यूजी जैसी ही है। दूसरी तरफ फराह खान की ओम शांति ओम का सबसे बड़ा आकर्षण शाहरुख खान हैं। चक दे इंडिया की कामयाबी का श्रेय ले रहे शाहरुख की लोकप्रियता ही उनकी फिल्मों के लिए दर्शक जुटाने के लिए पर्याप्त होगी। उल्लेखनीय है कि शाहरुख और फराह खान की जोड़ी की पिछली फिल्म मैं हूं ना सफल रही थी। वह सफलता फिर से दोहराई जा सकती है। फिर इस फिल्म से बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण की बेटी दीपिका पादुकोण लॉन्च हो रही हैं। माना जा रहा है कि हाल-फिलहाल में इतनी हॉट अभिनेत्री का आगमन नहीं हुआ है। शाहरुख खान भी मानते हैं कि फिल्म ओम शांति ओम की कामयाबी दीपिका पादुकोण के लिए अहम है।
ट्रेड विशेषज्ञों की राय
ट्रेड विशेषज्ञ तरण आदर्श दोनों ही फिल्मों की सफलता को लेकर आश्वस्त हैं। वे कहते हैं, दोनों ही फिल्में चलेंगी। चूंकि दोनों ही फिल्में अच्छी दिख रही हैं और दोनों के साथ जबरदस्त आकर्षण जुड़े हैं, इसलिए मैं आश्वस्त हूं कि दोनों फिल्में चलेंगी। लेकिन क्या दर्शक एक ही हफ्ते में दो बड़ी फिल्में देखना चाहेंगे? क्यों नहीं? दीवाली का त्योहार है। खुशी का माहौल रहेगा। ऐसे में दो फिल्में देखना उनकी जेब पर भारी नहीं पड़ेगा। दोनों ही फिल्मों से भरपूर मनोरंजन की उम्मीद पूरी होगी। फिल्म ट्रेड से जुड़े लोगों की आम राय यही है कि दोनों फिल्मों की एडवांस बुकिंग अच्छी होगी। बाद में फिल्म की मेरिट के हिसाब से बिजनेस में दोनों फिल्में आगे-पीछे होंगी। कोमल नाहटा के शब्दों में, भंसाली और शाहरुख का नाम ही काफी है। दर्शक थिएटर में आएंगे और दोनों ही फिल्मों को देखने आएंगे। फिल्म पत्रकारों की राय में दोनों फिल्मों के प्रति दर्शकों का झुकाव देखना रोचक होगा। दर्शकों के झुकाव से ही सांवरिया और ओम शांति ओम का पलड़ा भारी होगा। इसके अलावा, दोनों की मार्केटिंग की रणनीति पर भी इन फिल्मों का व्यापार निर्भर करेगा।
मार्केटिंग की लड़ाई
संजय लीला भंसाली और शाहरुख खान दोनों एक-दूसरे को दोस्त मानते हैं और एक-दूसरे के लिए शुभकामनाएं भी दे रहे हैं। शाहरुख थोड़े ज्यादा खुल कर बोल रहे हैं, मैं संजय को शुभकामनाएं दे रहा हूं, लेकिन अपनी फिल्म के लिए डर भी रहा हूं। भंसाली और शाहरुख की दोस्ती और नेकनीयत पर किसी को संदेह नहीं हो सकता, लेकिन जाहिर है कि दोनों फिल्मों में पैसे निवेश कर चुकीं कंपनियां ऐसी दोस्ती नहीं निभा सकतीं। उन्हें दूसरे को पछाड़ना है। सांवरिया के साथ सोनी पिक्चर्स की इंटरनेशनल टीम है। चूंकि यह उनकी पहली हिंदी फिल्म है, इसलिए वे मार्केटिंग में कोई कोर-कसर नहीं रहने देंगे। खबर मिली है कि वे 1200 प्रिंट रिलीज करेंगे। ओम शांति ओम की मार्केटिंग इरोज पिक्चर्स कर रही है। इरोज का अपना तगड़ा मार्केटिंग नेटवर्क है। देश में लगभग 1200 प्रिंट्स और विदेशों में 300 से 400 पि्रंट्स रिलीज करने की उनकी योजना है। विदेशी दर्शकों के बीच शाहरुख की लोकप्रियता का फायदा उन्हें मिल सकता है। भंसाली विदेशों में उनसे कमजोर पड़ सकते हैं।
किसका पलड़ा भारी?
दोनों ही फिल्मों में कॉमर्शियल दृष्टिकोण से खूबियां ही खूबियां हैं। दोनों फिल्मों के स्टारों को लेकर अतुलनीय जिज्ञासा है। शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण, रणवीर कपूर और सोमन कपूर को मोहक अंदाज में देखने के लिए दर्शक उतावले हैं। दोनों ही फिल्मों के निर्देशक बॉक्स ऑफिस पर कामयाब रहे हैं। हो सकता है कि दोनों ही फिल्मों का पलड़ा बराबर बना रहे और दर्शकों का दिल इस दीवाली में खुशी से जगमगा उठे।
रिलीज डेट 9 नवंबर ही क्यों?
इस बार 9 नवंबर को दीवाली है और उस दिन शुक्रवार भी है। त्योहार के दिनों में फिल्में रिलीज हों, तो उन्हें ज्यादा दर्शक मिलते हैं। त्योहार की छुट्टियों में मौज-मस्ती और मनोरंजन के लिए सिनेमा से अधिक सुविधाजनक कोई माध्यम नहीं होता। बड़े शहरों में लोग सपरिवार फिल्में देखने जाते हैं। मल्टीप्लेक्स बनने के बाद तो सपरिवार फिल्म देखने की प्रवृत्ति महानगरों में और बढ़ी ही है। फिल्म वितरक, प्रदर्शक और आखिरकार निर्माताओं के लिए रिलीज के सप्ताहांत में दर्शकों की भीड़ मुनाफा ले आती है। संजय लीला भंसाली की सांवरिया की रिलीज की तारीख पहले से तय थी। फराह खान की ओम शांति ओम भी उसी दिन रिलीज करने की योजना बनी। बीच में ऐसी खबरें आई कि परस्पर सहमति से दोनों अपनी फिल्में आगे-पीछे कर लेंगे।
दोनों फिल्मों का इंतजार है दर्शकों को
यह तय कर पाना और अभी से बता पाना मुश्किल है कि सांवरिया और ओम शांति ओम में किसे अधिक दर्शक मिलेंगे! दोनों ही फिल्में हिट होंगी। अब देखना यह है कि कौन बड़ी हिट साबित होती है। दर्शकों को दोनों ही फिल्मों का इंतजार है। इस इंतजार के अलहदा कारण हैं। सांवरिया का सबसे बड़ा आकर्षण संजय लीला भंसाली हैं। अपनी फिल्मों से भंसाली ने फिल्म इंडस्ट्री और दर्शकों के दिल में ऐसी जगह बना ली है कि सभी को उनकी फिल्मों का इंतजार होने लगा है। ऐसी उम्मीद रहती है कि कुछ नया और अद्भुत देखने को मिलेगा उनकी फिल्म में। इसके अलावा, इस फिल्म में रणवीर कपूर और सोनम कपूर के प्रति दर्शकों की जिज्ञासा लगभग अभिषेक बच्चन और करीना कपूर की पहली फिल्म रिफ्यूजी जैसी ही है। दूसरी तरफ फराह खान की ओम शांति ओम का सबसे बड़ा आकर्षण शाहरुख खान हैं। चक दे इंडिया की कामयाबी का श्रेय ले रहे शाहरुख की लोकप्रियता ही उनकी फिल्मों के लिए दर्शक जुटाने के लिए पर्याप्त होगी। उल्लेखनीय है कि शाहरुख और फराह खान की जोड़ी की पिछली फिल्म मैं हूं ना सफल रही थी। वह सफलता फिर से दोहराई जा सकती है। फिर इस फिल्म से बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण की बेटी दीपिका पादुकोण लॉन्च हो रही हैं। माना जा रहा है कि हाल-फिलहाल में इतनी हॉट अभिनेत्री का आगमन नहीं हुआ है। शाहरुख खान भी मानते हैं कि फिल्म ओम शांति ओम की कामयाबी दीपिका पादुकोण के लिए अहम है।
ट्रेड विशेषज्ञों की राय
ट्रेड विशेषज्ञ तरण आदर्श दोनों ही फिल्मों की सफलता को लेकर आश्वस्त हैं। वे कहते हैं, दोनों ही फिल्में चलेंगी। चूंकि दोनों ही फिल्में अच्छी दिख रही हैं और दोनों के साथ जबरदस्त आकर्षण जुड़े हैं, इसलिए मैं आश्वस्त हूं कि दोनों फिल्में चलेंगी। लेकिन क्या दर्शक एक ही हफ्ते में दो बड़ी फिल्में देखना चाहेंगे? क्यों नहीं? दीवाली का त्योहार है। खुशी का माहौल रहेगा। ऐसे में दो फिल्में देखना उनकी जेब पर भारी नहीं पड़ेगा। दोनों ही फिल्मों से भरपूर मनोरंजन की उम्मीद पूरी होगी। फिल्म ट्रेड से जुड़े लोगों की आम राय यही है कि दोनों फिल्मों की एडवांस बुकिंग अच्छी होगी। बाद में फिल्म की मेरिट के हिसाब से बिजनेस में दोनों फिल्में आगे-पीछे होंगी। कोमल नाहटा के शब्दों में, भंसाली और शाहरुख का नाम ही काफी है। दर्शक थिएटर में आएंगे और दोनों ही फिल्मों को देखने आएंगे। फिल्म पत्रकारों की राय में दोनों फिल्मों के प्रति दर्शकों का झुकाव देखना रोचक होगा। दर्शकों के झुकाव से ही सांवरिया और ओम शांति ओम का पलड़ा भारी होगा। इसके अलावा, दोनों की मार्केटिंग की रणनीति पर भी इन फिल्मों का व्यापार निर्भर करेगा।
मार्केटिंग की लड़ाई
संजय लीला भंसाली और शाहरुख खान दोनों एक-दूसरे को दोस्त मानते हैं और एक-दूसरे के लिए शुभकामनाएं भी दे रहे हैं। शाहरुख थोड़े ज्यादा खुल कर बोल रहे हैं, मैं संजय को शुभकामनाएं दे रहा हूं, लेकिन अपनी फिल्म के लिए डर भी रहा हूं। भंसाली और शाहरुख की दोस्ती और नेकनीयत पर किसी को संदेह नहीं हो सकता, लेकिन जाहिर है कि दोनों फिल्मों में पैसे निवेश कर चुकीं कंपनियां ऐसी दोस्ती नहीं निभा सकतीं। उन्हें दूसरे को पछाड़ना है। सांवरिया के साथ सोनी पिक्चर्स की इंटरनेशनल टीम है। चूंकि यह उनकी पहली हिंदी फिल्म है, इसलिए वे मार्केटिंग में कोई कोर-कसर नहीं रहने देंगे। खबर मिली है कि वे 1200 प्रिंट रिलीज करेंगे। ओम शांति ओम की मार्केटिंग इरोज पिक्चर्स कर रही है। इरोज का अपना तगड़ा मार्केटिंग नेटवर्क है। देश में लगभग 1200 प्रिंट्स और विदेशों में 300 से 400 पि्रंट्स रिलीज करने की उनकी योजना है। विदेशी दर्शकों के बीच शाहरुख की लोकप्रियता का फायदा उन्हें मिल सकता है। भंसाली विदेशों में उनसे कमजोर पड़ सकते हैं।
किसका पलड़ा भारी?
दोनों ही फिल्मों में कॉमर्शियल दृष्टिकोण से खूबियां ही खूबियां हैं। दोनों फिल्मों के स्टारों को लेकर अतुलनीय जिज्ञासा है। शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण, रणवीर कपूर और सोमन कपूर को मोहक अंदाज में देखने के लिए दर्शक उतावले हैं। दोनों ही फिल्मों के निर्देशक बॉक्स ऑफिस पर कामयाब रहे हैं। हो सकता है कि दोनों ही फिल्मों का पलड़ा बराबर बना रहे और दर्शकों का दिल इस दीवाली में खुशी से जगमगा उठे।
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