सिनेमालोक : पलटन की पृष्ठभूमि
सिनेमालोक पलटन की पृष्ठभूमि - अजय ब्रह्मात्मज ’ इस हफ्ते जेपी दत्ता की ‘ पलटन ’ रिलीज होगी. उनकी पिछड़ी युद्ध फिल्म ‘ बॉर्डर ’ और ‘ एलओसी कारगिल ’ की तरह यह भी युद्ध की पृष्ठभूमि पर बनी हुई फिल्म है.बॉर्डर और एलओसी कारगिल क्रमश: 1965 और 1999 में पाकिस्तान से हुए युद्ध की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्में थीं. ‘ पलटन ’ की पृष्ठभूमि चीन के साथ 1967 में हुई झडप है. इस बार जेपी दत्ता भारत के पश्चिमी सीमांत से निकलकर पूर्वी सीमांत पर डटे हैं.उन्होंने छह सालों के अंतराल पर पिछले दोनों युद्ध फिल्में बना ली थीं. ’ पलटन ’ पंद्रह सालों के बाद आ रही है. 1962 में हिंदी चीनी भाई-भाई के दौर में चीन के आकस्मिक आक्रमण से देश चौंक गया था. पर्याप्त तैयारी नहीं होने से उस युद्ध में भारत की हार हुई थी. पंचशील के प्रवर्तक और चीन के मित्र भारतीय प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू को भारी सदमा लगा था. हम सभी भारतीय इस तथ्य को नहीं भूल पाए हैं कि चीन ने भारत के पीठ में छुरा घोंप दिया था. उसे युद्ध में जानमाल के नुकसान के साथ देश का मनोबल टूटा था. कहते हैं न...