सिनेमालोक : चीन के आमिर चाचा



सिनेमालोक
चीन के आमिर चाचा
अजय ब्रह्मात्‍मज
चीन के पंइचिंग शहर में बस गए भारतीय विनोद चंदोला ने पिछले हफ्ते अपने बेटे हिंमांग का एक वीडियो भेजा। हिमांग ने चीन में पिछले दिनों रिलीज हुई 'सीक्रेट सुपरस्‍टार' के लोकप्रिय गीत 'नचदी फिरा' का कवर वर्सन गाया है। हिमांग को पिता से हिंदी की समझ मिली है। उनकी मां दक्षिण कोरिया की हैं। उन्‍हं चीनी,कोरियाई और थोड़ी हिंदी आती है। पेइचिंग में रहने की वजह से वे आम तौर पर चीनी बोलते हैं। वे चीनी और कोरियाई में गीत गाते हैं। पहली बार पिता की मदद से उच्‍चरण ठीक कर उन्‍होंने हिंदी में गाना गाया है। उन्‍होंने बताया कि वे भी आमिर खान की लोकप्रियता के प्रभाव में हैं। पिता की तरफ से भारतीय होने के नाते उनके दोस्‍त भी हिंदी गानों की फरमाईश कर रहे थे। हिंमांग चीन के उन युवकों के एक प्रतिनिधि हैं,जिन्‍हें 'आमिर चाचा' बहुत पसंद हैं। सभी जानते हैं कि आमिर खान की फिल्‍में चीन में बहुत ज्‍यादा पसंद की जा रही हैं। उनके कारोबार ने हिंदी फिल्‍मों के लिए नया बाजार खोल दिया है।
चीन में आमिर खान की लोकप्रियता और प्रभाव का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि चीन के सरकारी अखबार भी उनकी तारीफ करने से नहीं हिचकते। चीन का बौद्धि वर्ग भी आमिर खान की बातें करने लगा है। ऐसा कहा जा रहा है कि महाकवि रवींद्रनाथ टैगोर और पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाला नेहरू के बाद किसी भारतीय ने चीनी समाज के सभी तबकों में ऐसी लोकप्रियता हासिल की है। दोनों देशों की मित्रता के हितैषी उन्‍हें नए शांतिदूत के रूप में देख रहे हैं,जो दोनों देशों के परस्‍पर संबंध को सुधारने में सांस्‍कृतिक भूमिका निभा सकते हैं। चीन प्रवास के अपने अनुभवों से मैं कह सकता हूं कि चीनी दशक भारतीय सिनेमा के चहेते हैं। उनकी सर्वाधिक पसंदीदा फिल्‍म राज कपूर की 'आवारा' है। हर चीनी ने कम से कम एक बार जरूर 'आवारा' देखी है। कहते हैं कि एक बार किसी प्रतिनिधि मंडल के साथ राज कपूर के पिता पृथ्‍वीराज कपूर चीन गए थे। उनकी माओ च तुंग से मुलाकात हुई तो उनका पहला सवाल था कि आप का बेटा कैसा है। उन्‍हे बताइएगा कि हमें उनकी फिल्‍म 'आवारा' बहुत अच्‍छी लगती है। चीन में 'आवारा' की लोकप्रियता के ऐतिहासिक कारण हैं। 'आवारा' के बाद भी चीन में वैध-अवैध तरीके से हिंदी फिल्‍में देखी जाती रही हैं।
आमिर खान की वर्तमान लोकप्रियता पंद्रह सालों में हासिल हुई है। इस प्रक्रिया में आमिर खान का निजी प्रयास 'पीके' के समय से आरंभ हुआ है। उसके पहले उनकी फिल्‍में अवैध रूप से चीन में देखी जाती रही हैं। 'लगान' के ऑस्‍कर में नामांकित होने से उसके प्रति ललक बढ़ी थी। वह फिल्‍म चीनी दर्शकों ने पायरेसी से देखी। भारत में रिलीज होने के बाद थोड़ी देर से 2003 में अचानक यह चीन में खूब देखी गई। उसके बाद तो सिलसिला ही बन गया। उनकी हर फिल्‍म को दर्शक मिले। चीनी दर्शकों की रुचि की भनक आमिर खान और भारतीय कारोबारियों का ल्गी तो उन्‍होंने वैध मार्ग अपनाया और चीन में 'पीके' रिलीज की। यह फिल्‍म अच्‍छी चली। आमिर खान का टीवी शो चीनी भाषा में उपलब्‍ध है। उसे भी वहां के दर्शकों ने सराहा। खानत्रयी में केवल आमिर खान ही चीन में लोकप्रिय हैं। उनकी 'दंगल' और 'सीक्रेट सुपरस्‍टार' ने कलेक्‍शन के नए रिकार्ड बनाए। इस महीने सलमान खान की 'बजरंगी भाईजान' भी चीन में रिलीज हुई,लेकिन उसका कारोबार 'सीक्रेट सुपरस्‍टार' से कम रहा।
हिंदी फिल्‍मों का चीनी बाजार बनाने में आमिर खान ने अग्रणी भूमिका निभाई है। एक तरह से हिंदी फिल्‍मों की नई टेरिटरी खुल गई है। चीन में 4500 से अधिक थिएटर हैं। आमिर खान की 'दंगल' 9000 से अधिक स्‍‍क्रीन में रिलीज हुई थी। भारत में अभी कुल थिएटरों की संख्‍या 9000 से कुछ ही अधिक है।

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