कान और कानपुर के दर्शक मिले मुझे- नवाजुद्दीन सिद्दीकी




-अजय ब्रह्मात्‍मज
नवाजुद्दीन सिद्दीकी तीसरी बार कान फिल्‍म फेस्टिवल जा रहे हैं। वे आज ही उड़ान भर रहे हैं। तीसरे ट्रिप में रमन राघव 2.0 उनकी आठवीं फिल्‍म होगी। कान फिल्‍म फेस्टिवल से एक रिश्‍ता सा बन गया है उनका। इस बार नवाज की चाहत है कि वे वहां अपने समय का सदुपयोग करें। परिचय का दायरा बढ़ाएं। दो दिनों पहले मंगलवार को उनकी फिल्‍म रमन राघव 2.0 का ट्रेलर भी जारी हुआ। एक बार फिर अपने जोरदार परफारमेंस की उन्‍होंने झलक दी.
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-पहला सवाल यही है कि कहां के दर्शकों के बीच अधिक खुशी मिलती है- कान या कानपुर ?
0 मैं तो चाहूंगा कि मेरी फिल्‍में कान और कानपुर दोनों जगहों में सरही जाएं। कई बा ऐसा होता है कि कान में तो सराहना मिल जाती है,लेकिन कानपुर फिल्‍म पहुंच ही नहीं पाती। इस बार मैं दोनों जगहों के दर्शकों के बीच अपनी पैठ बनाना चाहूंगा।
-क्‍या कापनुर के दर्शकों की रुचि रमन राघव 2.0 में होगी?
0 बिल्‍कुल होगी। मर्डर,ह्यूमर और ह्यूमन स्‍टोरी रहती है अनुराग कश्‍यप के पास। उनकी फिल्‍में सराही जाती रही हैं। अनुराग कश्‍यप की फिल्‍में सिर्फ फस्टिवल के लिए नहीं होतीं। उनकी अपनी एक शैली विकसित हो गई है। उनके दर्शक कान से कानपुर तक फैले हुए हैं।
-कान फिल्‍म फेस्टिवल आप जाते रहे हैं...
0कहां,इतने सालों में तीसरी बार जा रहा हूं। दरअसल,मरी आठवीं फिल्‍म वहां जा रही है तो कुछ लोगों को लगा कि मेरा आठवां साल होगा। पहली बार तो ललक में गया। एक इच्‍छा थी कि मैं भी जाऊं। लोगों से मिलना और फिल्‍में देखना...मजेदार अनुभव रहा। दूसरी बार समझ में आया। इस बार थोड़ी तैयारी के साथ जा रहा हूं। लोगों से मिलना और इंटरव्‍यू देना है। संपर्क बढ़ाऊंगा।
-कान जाने से क्‍या फर्क पड़ता है?
0 सबसे पहले तो फिल्‍म को एक पहचान मिलती है। यह फेस्टिवल सिर्फ क्‍वालिटी फिल्‍में ही चुनता है। हमें देखना होगा कि हम वहां चुनी गई फिल्‍मों को भारतीय दर्शकों के बीच ले जाते हैं कि नहीं? मेरी कई फिल्‍में यहां रिलीज ही नहीं हो पाई। मैं तो यही चाहूंगा कि फिल्‍म हर तबके को पसंद आनी चाहिए।
-वहां के क्रिटिक का क्‍या रवैया रहता है?
0 वे हम से जाना चाहते हैं कि क्‍या बदल रहा है? उन्‍हें लगता है कि भारत से अच्‍छा सिनेमा आ रहा है। लंच बाक्‍स ने बड़ा उदाहरण पेश किया। हमें अच्‍छी फिल्‍मों की फ्रिक्‍वेसी बढ़ानी चाहिए। कोशिशें जारी हैं।
-भारत के फिल्‍म फेस्टिवल के बारे में क्‍या राय है?
0 हमारे यहां ज्‍यादातर फिल्‍में दिखाई जाती हैं। वहां वितरण और मार्केटिंग में भी मदद मिलती है। मैं तो जागरण फिल्‍म फेस्टिवल का नाम लूंगा। जागरण ग्रुप बड़ा काम कर रहा है। छोटे शहरों के दर्शकों के बीच देश-विदेश का बेहतर सिनेमा ले जा रहा है। फिल्‍मों की जानकारी और जागरुकता बढ़ा कर दर्शक तैयार कर रहा है। मैं खुद इसका हिस्‍सा रहा हूं।
- रमन राघव 2.0 और अनुराग कश्‍यप से अपने एसोसिएशन के बारे में बताएं?
0 अनुराग के पास इस फिलम का आयडिया गैंग्‍स ऑफ वासेपुर के पहले से था। अनुराग ने जब गैग्‍स...के बारे में सोचा तो इसे दरकिनार कर दिया। उसके बाद वे अन्‍य फिल्‍मों में व्‍यस्‍त हो गए। फायनली यह फिल्‍म आई तो मैं आ गया। सिर्फ 20 दिनों में इस फिल्‍म की शूटिंग पूरी हो गई थी। अनुराग से मेरा रिश्‍ता बहुत पुराना है। उन्‍हें मुझ पर विश्‍वास रहा। वे हमेशा जोश दिलाते रहे। मौका आया तो उन्‍होंने मुझे बुलाया। मैंने पहले भी कहा है कि हम अनुराग से सीखते हैं। उनका दिमाग हम से आगे चलता है। हिंदी सिनेमा को लेकर उनकी खास सोच है। वे उसी दिशा में काम कर रहे हैं।
- आप कैसे देखते हैं इस फिल्‍म को ?
0 मेरी समझ में लाइफ में कुद भी सही या गलत नहीं होता है। यह परसेप्‍शन होता है। आप का सही दूसरे के एि गलत हो सकता है। दुनिया में हजारों लोग लाखों लोगों को मार रहे हैं,उन्‍हें वाजिब कहा जाता है। जबकि किसी एक व्‍यक्ति की हत्‍या के लिए दूसरे को फांसी पर चढ़ा दिया जाता है। हर तरफ मार-काट मची है। रमन को लगता है कि वह कोई गुनाह नहीं कर रहा है। उसके पास अपने लॉजिक हैं।
-ऐसे किरदार को निभा पाना कितना सहज होता है?
0 दर्शकों को मजा आता है,लेकिन हमारे लिए डिस्‍टर्बिंग होता है। वह नार्मल साच का इंसान नहीं है। मैं वैसा आदमी नहीं हूं। मैं उसकी सोच से असहमत हूं,फिर भी उसमें विश्‍वसनीयता पैदा कर रहा हूं1 रुपांतरण की प्रक्रिया आसान नहीं होती।
-और क्‍या खास है?
0 इस फिलम में पहली बार सोबिता धुलीपाला को देखेंगे। 2013 की मिस इंडिया रह चुकी हैं। पहले मैंने यही सोचा कि मिस इंडिया है तो बस सुसंअर होगी। काम तो क्‍या...उन्‍होंने अल्‍टमेट काम किया है। वह चौंका देंगी।
-और कौन सी फिल्‍में हैं?
0 सोहेल खान की अली कर रहा हूं। उसमें गोल्‍फ प्‍लेयर हूं और रोमांस कर रहा हूं। रितेश बत्रा की फोटोग्राफर करूंगा। कुशान नंदी की बाबू मोशाय बंदूकबाज है।

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