बेचैन रहते हैं अनुराग कश्यप


-अजय ब्रह्मात्मज
    28 मई को अनुराग कश्यप की फिल्म ‘अग्ली’ फ्रांस में रिलीज हुई। फ्रांसीसी भाषा में इसे डब किया गया था। अनुराग कश्यप चाहते हैं कि ‘अग्ली’ भारत में भी रिलीज हों। उन्होंने फिल्म में धूम्रपान के दृश्यों के साथ आने वाली चेतावनी के खिलाफ जंग छेड़ रखी थी। उनका मानना है कि फिल्म देखते समय लिखे शब्दों में ऐसी चेतावनी धूम्रपान के खिलाफ सचेत करने का बचकाना प्रयास है। अपने इस तर्क के बावजूद अनुराग अपना केस हार चुके हैं। हाई कोर्ट ने उन्हें बताया है कि अभी सुप्रीम कोर्ट में इसी से संबंधित एक मामला दर्ज है, इसलिए हाई कोर्ट किसी भी फैसले पर नहीं पहुंच सकता। अनुराग मानते हैं कि फिलहाल इस मसमले में कुद नहीं किया जा सकता। उन्होंने ‘अग्ली’ की भारतीय रिलीज का फैसला अब निर्माता और निवेशकों पर छोड़ रखा है। वे कहते हैं, ‘निर्माताओं ने मेरा लंबा साथ दिया। वे मेरे साथ बने रहे, लेकिन अब उन्हें दिक्कत महसूस हो रही है। ‘अग्ली’ फ्रांस में रिलीज हो चुकी है। निर्माता जल्दी ही यहां भी रिलीज की घोषणा करेंगे।’
    पिछले हफ्ते रिलीज हुई निशा पाहुजा की डाक्यूमेंट्री ‘द वल्र्ड बिफोर हर’ ने अनुराग कश्यप को डिस्टर्ब कर दिया था। फिल्म देखने के बाद उन्हें पता चला कि यह भारत में रिलीज नहीं हो पा रही है तो उन्होंने आगे बढ़ कर जिम्मेदारी ले ली। उनकी वजह से फिल्म की चर्चा हुई और यह डाक्यूमेंट्री रिलीज हो सकी। भारत में डाक्यूमेंट्री और अलग किस्म की फिल्मों के प्रदर्शन की स्थिति पर वे नाराज स्वर में कहते हैं, ‘इस देश के दर्शक बदल रहे हैं। फिल्म इंडस्ट्री भी बदल रही है। इन दिनों अनेक फिल्मकार नए विषयों पर अलग किस्म की फिल्में बना रहे हैं। इन सब के बावजूद बदलाव के अनुसार वितरकों की सोच में तब्दीली नहीं आ रही है। वे पहले ही घोषणा कर देते हैं कि फलां फिल्म नहीं चलेगी। उसके दर्शक नहीं है। ‘द वल्र्ड बिफोर हर’ जैसी डाक्यूमेंट्री से आप किसी एंटरटेनिंग फिल्म जैसे बिजनेस की उम्मीद नहीं रख सकते। मेरा कहना है कि ऐसी फिल्मों को जितने दर्शक मिल सकते हैं, उन तक तो फिल्म पहुंचे।’
    अनुराग कश्यप इन दिनों अपनी महात्वाकांक्षी फिल्म ‘बांबे वेलवेट’ की एडीटिंग और पोस्ट प्रोडक्शन में व्यस्त है। रणबीर कपूर,अनुष्का शर्मा और करण जौहर अभिनीत यह फिल्म पिछली सदी की मुंबई की कहानी है, जब यह महानगर आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में नई करवट ले रहा था। ‘बांबे वेलवेट’ के प्रति उत्साहित अनुराग कश्यप कहते हैं, ‘हाल ही में हमलोगों न एडीटिंग लॉक किया। अब उसे फायनल शेप देने का काम चल रहा है। फिल्म के पोस्टर, प्रमोशन और मार्केटिंग की जिम्मेदारी विकास बहल की है। वे सब कुछ प्लान कर रहे हैं। ‘फैंटम’ में हमलोगों की अच्छी टीम बन गई । अब विकास बहल फिल्म डायरेक्ट करेंगे तो उसकी मार्केटिंग और प्रमोशन का काम हमलोग देखेंगे।’ अनुराग कश्यप अपनी निर्माणाधीन फिल्मों के बारे में बातें करने से नहीं हिचकते। मौका मिलते ही रिलीज के पहले वे फिल्म दिखाने भी लगते हैं। इस बार फिल्म बड़ी है और बहुत कुछ दांव पर लगा है। क्या इस बार भी वे वही रुख अपनाएंगे, ‘बिल्कुल, अपनी फिल्मों को लेकर मैं आश्वस्त रहता हूं। पहले ही लोग देख लें तो फीडबैक मिल जाता है। मैं दूसरों के पाइंट ऑॅफ व्यू  भी समझ पाता हूं। इस बार भी फिल्म पूरी होगी तो उसके प्रायवेट शो होंगे।’
    पिछले कुछ समय से कल्कि कोइचलिन से अपने संबंधों को लेकर चर्चा में रहे अनुराग कश्यप मानते हैं कि मीडिया हमेशा से पर्सनल बातों और घटनाओं में रुचि रखता है। इस बीच अपने बारे में छपी खबरों से पता चला कि परिदृश्य कितना उलझ गया है। वे स्वीकार करते हैं कि ‘क्लकि से मैं अलग हो चुका हूं। फिर भी हमारे संबंध खराब नहीं हुए हैं। हम अब भी बातचीत करते हैं और दोस्त हैं।’ हाल ही में दोनों एक टीवी शो में भी साथ दिखे। अनुराग कश्यप के करीबी मानते हैं कि उनके जीवन में फिल्मों का प्रेम बाकी सभी संबंधों पर भारी पड़ता है। फिल्म के निर्माण, निर्देशन और अन्य गतिविधियों में वे इस कदर डूब जाते हैं कि उन्हें न खुद की फिक्र रहती है और न दुनिया की।
हमेशा बेचैन रहते हैं अनुराग। अपनी फिल्मों के साथ उनहें साथियों की फिल्मों की भी चिंता रहती है। पिछले एक दशक में अनुराग के अनेक सहायकों ने फिल्म निर्देशन में कदम रखा। अनुराग कश्यप किसी भी वाजिब फिल्म के साथ जडऩे में खुशी महसूस करते हैं। हालांकि अब वे पहले की तरह सभी के लिए उपलब्ध नहीं होते, लेकिन अगर कोई उन तक पहुंच गया तो वह निराश होकर नहीं लौटता। अनुराग कश्यप की मौजूदगी फिजां में सृजन का संचार करती है। उनकी ऊर्जा और चिंता संक्रामक है।

Comments

Unknown said…
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