प्रदेशों के ब्रांड एंबेसडर बनते फिल्म स्टार
-अजय ब्रह्मात्मज
जिस रफ्तार और प्रभाव से फिल्म स्टार को प्रदेशों के ब्रांड एंबेसडर
बनाने की रुचि बढ़ रही है, उससे लगता है कि जल्दी ही हर प्रदेश का अपना एक
ब्रांड एंबेसडर होगा। जरूरी नहीं है कि वह ब्रांड एंबेसडर उसी प्रदेश का
मूल निवासी हो। हम देख रहे हैं कि अमिताभ बच्चन गुजरात के और शाहरुख खान
बंगाल के ब्रांड एंबेसडर बने हुए हैं। आंकड़े बताते हैं कि इन फिल्म स्टारों
के ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किए जाने के बाद संबंधित प्रदेशों के पर्यटन
में बढ़ोतरी हुई है। खासकर गुजरात ने नियोजित और व्यवस्थित तरीके से अमिताभ
बच्चन की लोकप्रिय छवि का इस्तेमाल किया और देशवासियों समेत विदेशी
पर्यटकों को भी आकर्षित किया। इस बात ने अन्य प्रदेशों को फिल्म स्टार की
तरफ मुखातिब किया। ममता बनर्जी ने पहल की। उन्होंने कोलकाता की आईपीएल टीम
के मालिक शाहरुख खान को ऑफर दिया। शाहरुख खान ने उस आमंत्रण को स्वीकार कर
लिया।
दरअसल, स्थिरता, सुरक्षा, शांति के बाद हर प्रदेश समृद्धि के लिए
प्रयासरत और अग्रसर होता है। गुजरात में अपनी स्थिति मजबूत करने के बाद
मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने प्रदेश की विवादास्पद छवि की पृष्ठभूमि
में अमिताभ बच्चन को आमंत्रित किया। कुछ सालों पहले हुए भीषण दंगों में
नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की भूमिका के बारे में सभी जानते हैं।
देश-विदेश में गुजरात की आंतरिक स्थिति को लेकर असमंजस बढ़ गया था। इसी समय
नरेन्द्र मोदी ने अमिताभ बच्चन की छवि और व्यक्तित्व का इस्तेमाल किया।
अमिताभ बच्चन की पैरवी और सिफारिश से पर्यटक आश्वस्त हुए कि गुजरात घूमने
का कार्यक्रम बनाया जा सकता है।
गुजरात का पर्यटन अवश्य बढ़ा, लेकिन अमिताभ बच्चन के बावजूद गुजरात और
नरेन्द्र मोदी की राजनीतिक छवि में सकारात्मक तब्दीली नहीं आई है। ऐसा
लगता है कि हमारे अराजनीतिक फिल्म स्टार किसी भी प्रदेश में सत्तारूढ़
पार्टी की राजनीति से ज्यादा मतलब नहीं रखते। तभी तो अमिताभ बच्चन भाजपा
शासित गुजरात और शाहरुख खान तृणमूल कांग्रेस शासित बंगाल के ब्रांड एंबेसडर
बन जाते हैं।
फिल्म स्टार को ब्रांड एंबैसडर बनाने के फायदे देखते हुए इन दिनों अनेक
प्रदेशों के अधिकारी अपने-अपने प्रदेशों के लिए उपयुक्त फिल्म स्टारों की
खोज में लग गए हैं। मध्यप्रदेश सरकार की कोशिश है कि अभिषेक बच्चन हां कह
दें। हवाला दिया जा रहा है कि उनकी मां जया भादुड़ी भोपाल से हैं। इसी
प्रकार हिमाचल प्रदेश प्रीति जिंटा को अपनी पहचान मानता है। हेमा मालिनी
दक्षिण भारत की हैं और मुंबई में रहती हैं, फिर भी उत्तराखंड में जारी
स्पर्श गंगा अभियान की ब्रांड एंबैसडर हैं। हरियाणा और पंजाब की भी
सक्रियता बढ़ गई है। बीच में खबर आई थी कि बिहार के अधिकारी आमिर खान के
पास निवेदन भेज चुके हैं। अरुणाचल प्रदेश भी आमिर खान को अपना ब्रांड
एंबेसडर बनाना चाहता है। छत्तीसगढ़ की सरकार सुष्मिता सेन में रुचि दिखा
रही है। आंध्र प्रदेश ने किसी फिल्म स्टार के बजाए अपने प्रदेश की खिलाड़ी
सायना नेहवाल को ब्रांड एंबेसडर के रूप में चुना है।
फिल्म स्टार और खिलाड़ी दोनों ही भारतीय समाज में अलग रसूख रखते हैं।
उनकी लोकप्रियता निर्विवादित होती है। उनके आग्रह और संदेश पर सभी का ध्यान
जाता है। अभी तक उपभोक्ता प्रोडक्ट के एंडोर्समेंट में उनका उपयोग होता
था, लेकिन अब जनहित के अभियानों में भी उनकी मदद ली जा रही है। जनहित के
बाद राज्यहित भी आ गया है। गौरतलब है कि किसी राजनीतिक हस्ती को फिल्म
स्टार या खिलाड़ी की तरह असरकारी नहीं माना जाता। साथ ही साहित्य और
संस्कृति से जुड़ी हस्तियों पर भी ध्यान नहीं दिया जाता। सारा मामला
प्रशंसकों से संबंधित है। फिल्म स्टार और खिलाड़ी इस मामले में सबसे आगे
हैं, इसलिए उनकी उपयोगिता बढ़ जाती है।
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