आत्मविश्वास से हैं लबरे़ज: दीपिका पादुकोन
-अजय ब्रह्मात्मज
किसी नयी-नवेली अभिनेत्री की दमदार मौजूदगी का इससे बडा सबूत नहीं हो सकता कि फिल्म इंडस्ट्री का हर सक्रिय निर्देशक उसे अपनी फिल्म में लेने के लिए तैयार हो। मुंबई की हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में इन दिनों दीपिका पादुकोन इसी सुंदर स्थिति से गुजर रही हैं। उनके सिर्फ हां कहने और तारीखें देने के साथ फिल्म शुरू हो सकती है। 21 वर्षीया दीपिका पादुकोन ने पहली फिल्म में ही गहरे आत्मविश्वास का परिचय दिया है।
आत्मविशवास से भरा व्यक्तित्व
दीपिका पादुकोन में यह आत्मविश्वास पुराना है। ओम शांति ओम की सफलता और पहली ही फिल्म में शाहरुख खान के साथ ने पुराने आत्मविश्वास को गाढा कर दिया है। दो साल पहले सुपर मॉडल के तौर पर विख्यात होने के बाद एक लाइव चैट में उन्होंने एक जिज्ञासु के सवाल-जवाब में कहा था कि वह शाहरुख खान के साथ काम करना चाहेंगी, लेकिन हिंदी फिल्मों में आने के पहले वह कन्नड या तमिल की फिल्म में खुद को मांजेंगी। दीपिका ने वही किया, जो कहा था। उन्होंने ओम शांति ओम के पहले कन्नड में इंद्रजीत लंकेश के निर्देशन में ऐश्वर्या नामक फिल्म की। ऐसा लगता है कि दीपिका पादुकोन अपना भविष्य पढ सकती हैं। ग्रह-नक्षत्रों की दिशा देखकर भविष्य का अनुमान ज्योतिषी लगाते हैं, लेकिन अपनी क्षमताओं के अनुरूप भविष्य की संभावना आत्मविश्वासी जाहिर कर देते हैं।
इंटरनेशनल छवि
5 जनवरी, 1986 को प्रकाश पादुकोन और उज्जला के परिवार में आई दीपिका का आरंभिक बचपन डेनमार्क के कोपेनहेगेन में बीता। यही कारण है कि दीपिका की कामयाबी का जश्न नम्मा बेंगालुरू के साथ डेनमार्क में भी मनाया गया। जन्म से ही इंटरनेशनल बन चुकीं दीपिका पादुकोन से ऐसी उम्मीद की जा सकती है कि सफलता के शिखर पर पहुंचने के पहले दम नहीं लेंगी वह। ऊंचा कद, छरहरा बदन, आकर्षक व्यक्तित्व और सुगंधित छवि की दीपिका पादुकोन की उपस्थिति हर माहौल में खुशबू बिखेरती और हिलोर पैदा करती है। बचपन से ही अपने आकर्षण से आम जनों को बहलाकर कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के ग्राहक बनाती रहीं दीपिका बचपन से ही मॉडलिंग करती रही हैं। मॉडलिंग के अगले पडाव के तौर पर उन्होंने स्वाभाविक रूप से एक्टिंग को चुना और करोडों दर्शकों को अपना दीवाना बना दिया। तभी तो जावेद अख्तर ने लिखा- आंखों में तेरी अजब-सी अदाएं हैं।
खरी उतरीं हर मापदंड पर
फराह खान ने जब ओम शांति ओम की कल्पना की थी तो वह एक ऐसी स्वप्निल खूबसूरती को अपनी फिल्म की नायिका के तौर पर देख रही थीं, जो आज की अधिकांश लडकियों की तरह सिर्फ सिंथेटिक सौंदर्य की धनी न हों। उसमें दम हो और खम हो। दीपिका उस मापदंड पर खरी उतरीं। दीपिका अपने पिता के थ्रीडी (डिसिप्लिन, डिटर्मिनेशन और डेडिकेशन) के सिद्धांत पर अमल करती हैं। अनुपम खेर और श्यामक डावर से अभिनय और नृत्य का प्रशिक्षण ले चुकीं दीपिका ने पहली ही फिल्म में शाहरुख खान के साथ सफलता की पींग मारी है। अभी उन्हें और पींगे मारनी हैं। बस, उनका संतुलन बना रहे।
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